Monday, January 10, 2011

कुम्भ लग्न में गुरु की दशा!

कुम्भ लग्न को कई ज्योतिषी अच्छा नहीं मानते ! इसका कारन शनि द्वारा अधिष्ठित राशी का लग्न में होना  है! बात कुछ हद तक ठीक भी है ! शनि दुख और बाधा का कारक है ! इसीलिए मकर और कुम्भ लग्न के जातकों के जीवन में कई ऐसे अवसर आते है जब महादुख और संताप के कारन वह स्वयं को अकेला पाता है! ऐसी स्थिति भी जीवन में एक से अधिक बार आती है जब कोई भी उसकी बातों का विस्वास नहीं करता! उसके सगे सम्बन्धी उसे त्यागना ही अच्छा मानते है! जबकि वह एकदम पाक-साफ होता है ! जो व्यक्ति पाक-साफ हो फिर भी उसे दुत्कारा और अपमानित किया जाये, अछूत की तरह व्यवहार किया जाये, उसकी  क्या दशा होगी सहज ही अनुमान किया जा सकता है! उसका जीवन संघर्षों में ही गुजरता है! इतना सब होने के बावजूद कुम्भ लग्न के जातक अपने क्षेत्र में अनुपम होते है! जिस प्रकार स्वर्ण अग्नि में तपकर और भी देदीप्यामान हो उठता है ठीक उसी प्रकार कुम्भ लग्न के जातक संघर्षों और दुखों को में से निकलकर अपनी लक्ष्य को पा कर ही दम लेते है! उदहारण के तौर पर श्री रामकृष्ण परमहंस जी और मोहम्मद अली जिन्ना साहब का नाम लिया जा सकता है!

कुम्भ लग्न में गुरु दशा की अत्यंत दुखदायी होती है! जातक को इस दौरान भयकर बदनामी, अपयश, महा गरीबी, कर्ज में डूबना, सगे सम्बन्धी द्वारा धोखा, व्यापार में भयंकर हानि, मतिभ्रम आदि  सब दुःख और क्लेश भोगने ही पड़ते है! जिससे जातक बुरी तरह् व्यथित हो जाता है! यदि शनि अच्छे भाव या राशी में न हो तो उपरोक्त बातों का होना और भी निश्चित है!

हाँ! एक बात ये भी होती है की जातक इस दौरान नया व्यापार अवस्य आरंभ करता है! आर्थिक लाभ भले ही न हो परन्तु उसकी कीर्ति और व्यक्तित्व समाज में असाधारण रूप से बढ़ने लगता है! अपने भले त्याग करे लेकिन मित्रों और अधिकारीयों के साथ समाज में उसकी विस्वसनीयता  इतनी बढ़ जाती है की गुरु की दशा समाप्त  होते ही अर्थात शनि की दशा के दौरान जातक अपनी महत्वाकांक्षा पूरी कर लेता है!

उपाय:-  (१) पीले रंग या हलके आसमानी रंग के वस्त्र धारण करे!
           (२)  पुखराज ५ रत्ती का दाहिने हाथ की तर्जनी में गुरुवार को धारण करे !
           (३)  ॐ गूं गुरुवे  नमः स्वाहा का उच्चारण करते हुए पीपल की लकड़ी से गुरवार को १०८ बार हवन करे!

नोट:-   वैसे कोई उपाय ज्यादा फायदा नहीं पहुंचा सकता! अतः धैर्य धारण करते हुए परोपकारी  कार्य करते रहे!

1 comment:

  1. Dear Prakash ji
    Please help me know about a boy 13.7.1986 at 21.42time and place Delhi.
    The detail of my daughter is 12.11.1987 at 11.45 am in varanasi.
    His guru is in kumbh lagna and moon in 8th house in kanya.

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