Friday, December 31, 2010

ज्योतिष का रहस्य

                                                                  मेष लग्न


         ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे रहस्य है जिसे जान लेने के बाद कोई भी व्यक्ति काफी परेशानियों से नीजात पा सकता है! आज से मै समयानुसार सारे लग्नों का कुछेक रहस्यों को उदघाटित करने का प्रयाश करूंगा! सर्वप्रथम मै आरम्भ मेष लग्न से करने जा रहा हूँ!

         मेष लग्न के जातकों के लिए कौन सी महादशा अछा साबित होगा और कौन बुरा मै बताने जा रहा हूँ! साथ ही साथ यह भी बत्ताने का प्रयास करूंगा की  यदि अछा होगा तो क्या होगा और बुरा होगा तो क्या होगा! यह सब संक्षिप्त में बत्ताया जायगा!

{१)      बुध की महादशा :- मेष लग्न में बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी होकर पापी बन जाता है! अब बुध जन्म कुंडली में भले ही उच्च या स्व राशिस्थ होकर कहीं भी क्यों न हो या कैसा भी राजयोग क्यों न बना रहा हो, अपनी महादशा काल में ३रे और ६थे भाव का अनिष्ट फल अवस्य देगा! यदि राजयोग नहीं बना रहा हो या उच्च,स्वराशिस्थ होकर बलवान भी न हो तो बुध  की महादशा जातक के लिए अत्यंत दुखदायी साबित होगा!
         तीसरे भाव से बल, पराक्रम, छोटा भाई/बहन , मित्र ,बाजू, निज (गोपनीय बातें),हिम्मत,बहादुरी,रक्षा विभाग,पुलिस, पडोशी, छोटी यात्रा, मारक(मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट),सांस की नाली, राज्य सभा, छोटी सलहज,धैर्य, आयु  आदि का विचार किया जाता है!      

         छठे भाव से रोग, ऋण, शत्रु, मामा, मुकदमा,कमर, रुकावटें ,अंतरियों, कारागार, छोटी जाती, पेट के रोग, पिता का भाग्य, संतान का धन, चोरी,झगडा , मौसी(छोटी), घाव,फोड़े-फुंसी, चिंता, भय आदि का विचार किया जाता है!

         बुध अपनी महादशा काल में उपरोक्त सभी मामलों में अनिष्टकर फल अवस्य देगा! यथा अपने लोग साथ छोड़ने लगेंगे! छोटा भाई से अनबन होगी, मित्र शक करेंगे, बदनामी होगी, केस-मुकदमे होंगे, हिम्मत टूटने लगेगा, यदि रक्षा या पोलिस विभाग में कार्यरत हैं तो नौकरी छूटने की नौबत आएगी, पिता यदि जीवित है तो रोग के कारन मृत्यु की संभावना रहेगी,संतान   को रोजगार  सम्बंधित परेशानियां आएगी, कोई वस्तु चोरी हो जायेगी, अनावश्यक चिंता रहेगी, मन में भय व्याप्त रहेगा, चर्म  रोग होंगे, ऋण लागातार बढ़ने लगेंगे, शत्रुओं की संख्या में वृद्धि होगी, ननिहाल  से सम्बन्ध खराब हो जायेंगे, मौसी की परिशानियां बढ़ जायेगी, पडोसी से अनबन रहेगी, छोटी-छोटी काफी यात्राएँ होगी, मृत्यु तुल्य कष्ट  होंगे, धैर्य  की परीक्षा होगी,      कमर के दर्द होंगे, छोटी सलहज से धोखा  होगा, बांह में चोट लगेगी या नस के रोग होंगे, साँस की नाली में खराबी होगी,कठोर मिहनत  करनी होगी तभी गुजारा होगा अन्यथा कर्ज के पैसे से ही भोजन चलेगा, बिना वजह खर्चे होंगे!

         हर सिक्के के दो पहलू होते है! अतः कुछ अछे फल अवस्य प्राप्त होंगे! पर वह बुध की बलवता के अनुसार होंगे! मै सिर्फ रहस्यों को बता रहा हूँ! अछे फलों की मात्रा भी  कुंडली की बलवता के अनुसार ही होती है!मेरा कहना सिर्फ यह है की यदि मेष लग्न में बुध की महादशा चल रही है तो उपरोक्त फल प्राप्त निश्चित रूप से प्राप्त होंगे! इसलिए जातक (जिसका मेष लग्न में बुध की महादशा चल रही हो) को चाहिए की इस काल का धैर्य पूर्वक और हिम्मत के साथ सामना करे! किसी भी ज्योतिषी या पंडित के फेरे में पड़कर और परेशान न हो! कोई भी रत्न क्यों न धारण करें खराब फल प्राप्त होंगे ही यह अटल सत्य है! महंगे रत्नों और काफी खरचेवाली पूजा आदि के चक्कर में न पड़े ! इससे खर्चे ज्यादा होंगे लाभ उस मुताबिक़ न होंगे! आप निम्नलिखित उपाय करें! बहूत राहत  महसूस करेंगे!

(१)      प्रत्येक बुधवार को हरे रंग के वस्त्र धारण करें!
(२)      हर माह के  तीसरे बुधवार को ठाकुरजी  के दर्शन करें! या राम-जानकी की पूजा घर में ही करें!
(३)       वर्ष में दो बार चिरचिरी (पौधा) की लकड़ी  से १०८ बार ॐ बूम  बुधाय नमः स्वाहा का उच्चारण करते हुए गाय  के घी में डुबोकर हवन के बर्तन में डालें!

नोट:- यदि फिर भी संतोष न हो तो इस नंबर पर संपर्क  करें - ०८८७७६९४३८४,०८८७३४२८०७५,०९३०८०६१४४१,0९३८६१२४८००.

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